Mughal’s crime in india: जैन मंदिरों का इतिहास मुगलकालीन शासन से जुड़ा रहा है।
यहां के जैन मंदिरों में आज भी प्राचीन काल (Mughal’s crime in india) की मूर्तियां निकलती रहती हैं।
हाल ही में शहर से दूर फरिहा में एक जैन मंदिर में खुदाई के दौरान प्राचीन काल की दो मूर्ति निकली हैं,
जो हजारों साल पुरानी बताई जा रही हैं।
Mughal’s crime in india मूर्तियों की खोज:
श्रद्धालु संजय कुमार जैन ने बताया कि,
शहर से लगभग 18 किलोमीटर दूर स्थित फरिहा गांव में एक प्राचीन जैन मंदिर है।
कुछ दिन पहले विवेक सागर महाराज जी को आभास हुआ कि इस मंदिर के गर्भगृह में मूर्तियां हैं।
इसी आधार पर महाराज जी के साथ मंदिर की खुदाई शुरू हुई ,
और गर्भगृह से दो प्राचीन मूर्तियां निकलीं। एक मूर्ति लगभग 3 फुट की है और दूसरी मूर्ति छोटी है जो सफेद पत्थर की है।
मूर्तियों का महत्व:
बताया जा रहा है कि यह मूर्तियां हजारों साल पुरानी हैं।
लगभग 100 साल पहले यह जैन मंदिर समतल हुआ करता था,
लेकिन समय के साथ यह मंदिर काफी ऊपर उठ गया है ,
और इसके अंदर और मूर्तियां भी निकल सकती हैं।
लोगों का कहना है कि मुगल शासन में मंदिरों को तोड़ने के लिए इन पर आक्रमण किया गया था,
जिसके चलते इन मूर्तियों को मंदिर के गर्भगृह में छुपा दिया गया था।
Mughal’s crime in india मूर्तियों की पहचान:
संजय कुमार जैन ने बताया कि जैन मंदिर में जो दो मूर्तियां मिली हैं वे हजारों साल पुरानी हैं।
एक मूर्ति भगवान महावीर जैन की है जो लगभग 3 फीट की है,
और इस मूर्ति के साथ चार भगवान की प्रतिमाएं भी बनी हुई हैं।
इसके अलावा दूसरी मूर्ति भगवान नेमनाथ की है जो सफेद पाषाण की है।
लेकिन ये मूर्तियां खंडित हैं, इसलिए इन्हें अभी किसी मंदिर में स्थापित नहीं किया गया है।
मुनि महाराज के आदेश के बाद इनकी प्राण प्रतिष्ठा कर इन्हें स्थापित किया जाएगा।
वहीं पुरातत्व विभाग को भी इन मूर्तियों के निकलने की सूचना दे दी गई है।
निष्कर्ष:
यह खबर जैन मंदिरों के इतिहास और मुगलकालीन शासन के दौरान मंदिरों पर हुए अत्याचारों को उजागर करती है।
यह खबर जैन समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है और यह लोगों को जैन धर्म के बारे में अधिक जानने के लिए प्रेरित कर सकती है।
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