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Sunday, September 8, 2024

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Mahashivratri: भांग, धतूरा, बेलपत्र और दूध – क्यों करते हैं भगवान शिव को चढ़ावा?

Mahashivratri का पर्व आते ही भक्तों में उत्साह का संचार हो जाता है।

इस दिन भगवान शिव की भक्ति और आराधना के लिए भक्त मंदिरों में जाते हैं और शिवलिंग पर विभिन्न सामग्री चढ़ाते हैं।

इनमें भांग, धतूरा, बेलपत्र और दूध प्रमुख हैं।

Mahashivratri: लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन सामग्रियों को चढ़ाने के पीछे क्या महत्व है?

भांग:

  • मान्यता: भगवान शिव ने समुद्र मंथन से निकले विष को पी लिया था। विष के प्रभाव से उनका गला नीला हो गया था। धतूरा और भांग को उनके सिर पर रखा गया ताकि विष का प्रभाव कम हो सके।
  • वैज्ञानिक दृष्टिकोण: भांग में औषधीय गुण होते हैं जो मस्तिष्क को शांत करते हैं और एकाग्रता बढ़ाते हैं।

धतूरा:

  • मान्यता: भगवान शिव को भूतों का नाथ माना जाता है। धतूरा को भूत-प्रेत से बचाने वाला माना जाता है।
  • वैज्ञानिक दृष्टिकोण: धतूरा में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं।

बेलपत्र:

  • मान्यता: बेलपत्र को भगवान शिव का प्रिय माना जाता है। बेलपत्र के तीन पत्ते त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) का प्रतीक हैं।
  • वैज्ञानिक दृष्टिकोण: बेलपत्र में औषधीय गुण होते हैं जो पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं।

दूध:

  • मान्यता: दूध को शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है।
  • वैज्ञानिक दृष्टिकोण: दूध में कैल्शियम और प्रोटीन जैसे पोषक तत्व होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं।
इन सामग्रियों को चढ़ाने के अलावा, भक्त शिवलिंग पर जल, फूल, फल, मिठाई आदि भी चढ़ाते हैं।

Mahashivratri का पर्व भगवान शिव की भक्ति और आराधना का पर्व है।

इस दिन भक्त उपवास करते हैं, रात्रि जागरण करते हैं और भगवान शिव की पूजा करते हैं।

यह पर्व सभी भक्तों के लिए शुभ और मंगलमय हो।

यहाँ कुछ अन्य रोचक तथ्य दिए गए हैं:
  • क्या आप जानते हैं कि धतूरा एक जहरीला पौधा है? हाँ, धतूरा एक जहरीला पौधा है। इसे केवल योग्य मार्गदर्शन के तहत ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
  • क्या आप जानते हैं कि बेलपत्र को भगवान शिव का त्रिशूल भी माना जाता है? हाँ, बेलपत्र के तीन पत्ते त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) का प्रतीक हैं।
  • क्या आप जानते हैं कि महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का प्रतीक भी माना जाता है? हाँ, महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का प्रतीक भी माना जाता है।

अन्य महत्वपूर्ण जानकारी:

  • Mahashivratri का पर्व: 8 मार्च 2024
  • महाशिवरात्रि का मुहूर्त:
    • निशीथ काल: 12:16 बजे से 1:06 बजे तक (9 मार्च 2024)
    • चतुर्दशी तिथि: 8 मार्च 2024 को रात 9

ये भी देखें:- 8 March Mahashivratri: इन लोगों की चमकने वाली है किस्मत!

Mahashivratri: भांग, धतूरा, बेलपत्र और दूध - क्यों करते हैं भगवान शिव को चढ़ावा?
Mahashivratri: भांग, धतूरा, बेलपत्र और दूध – क्यों करते हैं भगवान शिव को चढ़ावा?
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