Chamayavilakku Festival: केरल के कोल्लम में स्थित, कोट्टनकुंलंगरा श्री देवी मंदिर अपनी अनोखी परंपरा के लिए प्रसिद्ध है।
यहां पुरुषों को महिलाओं की तरह तैयार (Chamayavilakku Festival) होकर देवी की पूजा करनी होती है।
यह त्योहार, जिसे चाम्याविलक्कू उत्सव के नाम से जाना जाता है, मार्च माह में मनाया जाता है।
उत्सव:
इस उत्सव के दौरान, पुरुष साड़ी पहनते हैं, 16 श्रृंगार करते हैं और देवी की पूजा करते हैं।
मंदिर परिसर के बाहर मेकअप स्टाल लगते हैं, जहां पुरुषों को मेकअप करवाया जाता है।
सबसे खूबसूरत मेकअप वाले (Chamayavilakku Festival) पुरुष को पुरस्कार भी दिया जाता है।
ट्रांसजेंडर समुदाय के लोग भी इस उत्सव में भाग ले सकते हैं।
Chamayavilakku Festival मंदिर और प्रतिमा:
कोट्टनकुंलंगरा श्री देवी मंदिर में जो प्रतिमा है वह स्वयंभू है।
लोककथाओं के अनुसार, कुछ लड़कों को जंगल में खेलते हुए एक नारियल मिला था।
जब उन्होंने इसे तोड़ा तो उसमें से खून बहने लगा।
इसे देवी का प्रतीक मानकर यहां मंदिर की स्थापना की गई।
Chamayavilakku Festival मान्यता:
मान्यता है कि यहां महिलाओं के वेश में पूजा करने वाले पुरुषों की हर मनोकामना पूरी होती है।
यह त्योहार मलयाली महीना मीनम के आधार पर मनाया जाता है,
जो मार्च में पड़ता है। यहां कोई भी धर्म या जाति का व्यक्ति आ सकता है।
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निष्कर्ष:
कोट्टनकुंलंगरा श्री देवी मंदिर अपनी अनोखी परंपरा के कारण भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है।
यह त्योहार न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह लैंगिक समानता और स्वीकृति का भी प्रतीक है।
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