रेखा गुप्ता बनीं दिल्ली की नई मुख्यमंत्री, यमुना सफाई को लेकर लिया बड़ा फैसला
दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव आया है। भाजपा की पहली बार विधायक बनीं रेखा गुप्ता ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और अपनी कार्यशैली से स्पष्ट कर दिया कि वे एक्शन मोड में हैं। उन्होंने अपनी पूरी कैबिनेट के साथ यमुना घाट पर आरती कर इतिहास रचा और यमुना नदी की सफाई को प्राथमिकता देने की घोषणा की।
यमुना पुनर्जीवन कार्ययोजना पीएमओ के हाथों में
यमुना नदी को पुनर्जीवित करने की कार्ययोजना अब प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को सौंप दी गई है। इस योजना के अंतर्गत सीवेज ट्रीटमेंट क्षमता बढ़ाने, प्रमुख नालों को टैप करने, नए एसटीपी लगाने और नदी के किनारों का सौंदर्यीकरण करने पर जोर दिया जाएगा। पर्यावरण विभाग के तहत दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने इस कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया है।
योजना के प्रमुख बिंदु
- प्राथमिकता क्षेत्र: पल्ला से असगरपुर गांव तक 48 किलोमीटर का यमुना क्षेत्र सबसे प्रदूषित घोषित किया गया है।
- सीवेज ट्रीटमेंट: मौजूदा 37 एसटीपी को अपग्रेड कर नए एसटीपी स्थापित किए जाएंगे। दिल्ली गेट पर एक बड़ा एसटीपी प्लांट प्रस्तावित है।
- ई-फ्लो की जरूरत: 23 क्यूमेक्स (437 एमजीडी) न्यूनतम पर्यावरणीय प्रवाह की आवश्यकता बताई गई है।
- नालों पर नियंत्रण: 22 प्रमुख नालों पर जालियां लगाकर उनका रुख मोड़ा जाएगा।
- अतिक्रमण हटाने की योजना: अब तक 1,500 एकड़ बाढ़ क्षेत्र को साफ किया जा चुका है, और ड्रोन सर्वेक्षण के जरिए निगरानी जारी है।
- विकास कार्य: दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को नदी किनारे जैव विविधता पार्क विकसित करने और मलबा हटाने की जिम्मेदारी दी गई है।
प्रदूषण पर नियंत्रण कैसे होगा?
दिल्ली सरकार ने 100% सीवेज ट्रीटमेंट के लक्ष्य को अपनाया है। दिसंबर 2026 तक शहर की सीवेज ट्रीटमेंट क्षमता 964.5 एमजीडी तक पहुंचाने की योजना है।
इसके अतिरिक्त, यमुना में गिरने वाले नालों पर नियंत्रण पाने और जल की गुणवत्ता सुधारने के लिए रेणुका, लखावर और किशाऊ जैसे बांध परियोजनाओं के पूर्ण होने की दिशा में भी कदम बढ़ाए जाएंगे।
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जनता से किया गया वादा
भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में यमुना सफाई को प्राथमिकता दी थी और अब मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस दिशा में ठोस कदम उठाने का वादा किया है। आने वाले महीनों में यह देखने योग्य होगा कि सरकार इस महत्वाकांक्षी योजना को कितनी तेजी से लागू कर पाती है।
दिल्ली की जनता को उम्मीद है कि इस नई कार्ययोजना से यमुना को साफ और स्वच्छ बनाने की प्रक्रिया को गति मिलेगी। अब देखने वाली बात होगी कि सरकार अपने वादों पर कितनी खरी उतरती है।