RBI का बड़ा फैसला: मिनिमम बैलेंस को लेकर नया नियम लागू, जानें खाताधारकों को क्या मिलेगा फायदा
RBI का बड़ा फैसला
न्यूज़ टेबल – एक नज़र में
🔑 मुद्दा | 📜 नया नियम |
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निष्क्रिय खाता (Inoperative Account) | दो साल से बंद पड़े खातों पर मिनिमम बैलेंस न होने पर कोई जुर्माना नहीं लिया जाएगा। |
स्कॉलरशिप / DBT अकाउंट | ऐसे खातों पर मिनिमम बैलेंस चार्ज नहीं लगाया जाएगा, चाहे लेनदेन हो या नहीं। |
सेविंग अकाउंट ब्याज | दो साल तक निष्क्रिय रहने पर भी बैंक को ब्याज देना होगा। |
सरकारी योजना से जुड़े खाते | जीरो बैलेंस के बावजूद ये खाते निष्क्रिय नहीं माने जाएंगे, और कोई पेनाल्टी नहीं होगी। |
शिकायत की प्रक्रिया | ग्राहक बैंक, बैंक बोर्ड और फिर RBI पोर्टल पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं। |
नया नियम क्यों आया | लावारिस खातों और बिना दावे की राशि को कम करने के लिए। |
RBI का बड़ा फैसला: क्या है RBI का नया आदेश?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकिंग प्रणाली को और पारदर्शी व ग्राहक हितैषी बनाने के लिए मिनिमम बैलेंस से जुड़े नियमों में बदलाव किया है। ये नियम 1 तारीख से देशभर के सभी बैंकों पर लागू हो चुके हैं।
अब यदि आपका बैंक खाता पिछले 2 वर्षों से निष्क्रिय है और उसमें न्यूनतम बैलेंस नहीं है, तो बैंक आपको कोई भी पेनाल्टी नहीं वसूल सकता।
स्कॉलरशिप और DBT खातों को बड़ी राहत
आरबीआई ने यह भी स्पष्ट किया है कि स्कॉलरशिप, स्टूडेंट अकाउंट या डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) वाले खातों पर किसी भी प्रकार का मिनिमम बैलेंस चार्ज नहीं लगेगा। ये खाते निष्क्रिय की श्रेणी में नहीं आएंगे, भले ही उनमें दो साल से लेनदेन न हुआ हो।
RBI का बड़ा फैसला: ग्राहक कहां करें शिकायत?
अगर आपके निष्क्रिय खाते पर बैंक चार्ज वसूल रहा है, तो आप:
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पहले अपने बैंक ब्रांच से संपर्क करें
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फिर बैंक के ग्रेवान्स बोर्ड में शिकायत दर्ज करें
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समाधान न मिलने पर RBI की वेबसाइट पर शिकायत निवारण पोर्टल (cms.rbi.org.in) पर शिकायत कर सकते हैं
लावारिस खातों में होगी कटौती
RBI का उद्देश्य इन नियमों के ज़रिए बैंकों में जमा बिना दावे वाली राशि और लावारिस खातों को कम करना है। इसके ज़रिए सही खाताधारकों और उनके उत्तराधिकारियों को राशि लौटाना आसान हो जाएगा।
निष्कर्ष:
यह फैसला न केवल ग्राहक हित में है, बल्कि बैंकिंग सिस्टम में पारदर्शिता लाने की दिशा में एक मजबूत कदम है। अब खाताधारकों को बिना वजह पेनाल्टी से राहत मिलेगी, और लावारिस खातों की संख्या में भी भारी गिरावट आ सकती है।