क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट बना देश की बड़ी टेंशन! 4 साल में 500% बढ़ा बकाया, आरबीआई भी परेशान
नई दिल्ली।
क्रेडिट कार्ड आज की नौकरीपेशा और शहरी जीवनशैली का अहम हिस्सा बन चुका है, लेकिन यही कार्ड अब देश की बैंकिंग व्यवस्था के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। आरबीआई (RBI) की ताजा रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। दिसंबर 2024 तक इस सेक्टर का एनपीए (NPA) 28.42% तक बढ़ चुका है, जो कि 6,742 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है।
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4 साल में 500% से ज्यादा की बढ़ोतरी
साल 2020 में जहां क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट सिर्फ 1,108 करोड़ रुपये था, वहीं 2024 के अंत तक इसमें 500% से ज्यादा का उछाल आ चुका है। ये आंकड़े दिखाते हैं कि लोगों के लिए क्रेडिट कार्ड की सुविधाएं अब बोझ बनती जा रही हैं।
कितना है बकाया?
आरबीआई के अनुसार, दिसंबर 2023 तक देश में क्रेडिट कार्ड का कुल लोन आउटस्टैंडिंग 2.92 लाख करोड़ रुपये था। इसमें से 5,250 करोड़ रुपये एनपीए थे, जो दिसंबर 2024 तक बढ़कर 6,742 करोड़ रुपये हो गए।
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42% तक ब्याज वसूल रहे बैंक
क्रेडिट कार्ड पर बैंकों द्वारा 42 से 46 फीसदी तक ब्याज वसूला जा रहा है। यदि ग्राहक समय पर भुगतान नहीं करता, तो न सिर्फ उसका क्रेडिट स्कोर गिरता है, बल्कि वह कर्ज के जाल में फंस जाता है। यही कारण है कि सबसे ज्यादा डिफॉल्ट क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन में देखा जा रहा है।
बैंकों को घाटा, लेकिन जारी है कार्ड का विस्तार
दिलचस्प बात यह है कि डिफॉल्ट बढ़ने के बावजूद बैंकों द्वारा क्रेडिट कार्ड जारी करने की रफ्तार थमी नहीं है।
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जनवरी 2021 में देश में कुल 6.10 करोड़ क्रेडिट कार्ड थे।
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जनवरी 2025 तक यह संख्या बढ़कर 10.88 करोड़ हो चुकी है।
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लेन-देन का मासिक आंकड़ा भी 64,737 करोड़ रुपये से बढ़कर 1.84 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
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आरबीआई की सख्त चेतावनी
आरबीआई ने इस स्थिति को गंभीर मानते हुए बैंकों को सतर्कता बरतने की सलाह दी है। साथ ही ग्राहकों को भी सोच-समझकर खर्च करने और समय पर भुगतान करने की अपील की है, ताकि यह सुविधा उनके लिए वित्तीय मुसीबत न बन जाए।