Sunday, May 18, 2025
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Pahalgam Attack: वायरल वीडियो फर्जी, कपल बोला- हम जिंदा हैं

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो की सच्चाई आई सामने, जिंदा कपल को शहीद बताकर फैलाई गई फेक न्यूज, जानें पूरी कहानी

Pahalgam Attack का सच: ‘हम जिंदा हैं’ कहकर कपल ने किया वायरल वीडियो का पर्दाफाश, शहीद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल से नहीं है कोई संबंध

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कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में भारतीय नौसेना के वीर अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की शहादत ने हर किसी की आंखें नम कर दीं।

लेकिन इसी बीच एक 19 सेकंड का वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह वायरल हो गया, जिसे लेकर झूठा दावा किया गया कि यह शहीद लेफ्टिनेंट नरवाल और उनकी पत्नी हिमांशी का आखिरी वीडियो है।

वायरल वीडियो की सच्चाई: ‘हम अभी जिंदा हैं’

इस वायरल वीडियो में कश्मीर की खूबसूरत वादियों में एक कपल को मुस्कुराते हुए दिखाया गया है। दावा किया गया कि यह कपल विनय नरवाल और उनकी पत्नी हिमांशी हैं। लेकिन अब इस वीडियो में नजर आने वाले असली कपल यशिका शर्मा और आशीष सहरावत ने सामने आकर इस वीडियो की सच्चाई उजागर की है

यशिका, जो पेशे से केबिन क्रू और लाइफस्टाइल व्लॉगर हैं, और उनके पति आशीष, इंडियन रेलवे के रणजी क्रिकेटर हैं — दोनों ने एक क्लियर वीडियो मैसेज जारी करते हुए कहा:

“हम जिंदा हैं! कृपया हमें मरा हुआ बताना बंद कीजिए। हमारी पूरी फैमिली इस झूठी खबर से परेशान है। हमें भी शहीद की फैमिली के लिए दुख है, लेकिन इस तरह की गलत जानकारी फैलाना ठीक नहीं है।”

किसने वायरल किया फर्जी वीडियो?

अब सवाल उठता है, इस वीडियो को किसने और क्यों वायरल किया? क्या यह सिर्फ लाइक्स और व्यूज बटोरने की कोशिश थी, या इसके पीछे कोई और साजिश है? सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर जिम्मेदारी की कमी और फेक न्यूज की तेजी से फैलती लहर एक बार फिर सवालों के घेरे में है।

शहीद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल: एक वीर का अंत

हरियाणा के करनाल के रहने वाले विनय नरवाल, शादी के बाद 16 अप्रैल को पत्नी हिमांशी के साथ हनीमून पर पहलगाम गए थे। दुर्भाग्य से, वहां हुए आतंकी हमले में वे शहीद हो गए। उनकी एक तस्वीर, जिसमें हिमांशी उनके शव के पास बैठी थीं, ने पूरे देश को भावुक कर दिया।

इंटरनेट यूजर्स से अपील: सच जांचें, शेयर करें ज़िम्मेदारी से

इस घटना से एक बार फिर यह सीख मिलती है कि हर वायरल वीडियो सच्चा नहीं होता। फेक न्यूज केवल पीड़ितों की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाती, बल्कि निर्दोष लोगों की जिंदगी को भी प्रभावित करती है।

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