आतंकियों की दरिंदगी का शिकार बना कानपुर का लाल, पत्नी के सामने ली जान | पहलगाम आतंकी हमला
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घटना की पूरी तस्वीर
जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत इलाके पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने एक नवविवाहित जोड़े की खुशियां छीन लीं। कानपुर निवासी शुभम द्विवेदी, जो कि अपने परिवार के साथ टूर पर गए थे, आतंकियों का निशाना बन गए। पत्नी ऐशान्या की आंखों के सामने आतंकियों ने शुभम के सिर में गोली मारकर बेरहमी से हत्या कर दी। ऐशान्या आतंकियों के सामने हाथ जोड़ती रही, लेकिन वे नहीं पसीजे। यह मंजर देखकर वह मौके पर ही बेहोश हो गईं।
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शुभम द्विवेदी कौन थे?
ड्रीमलैंड अपार्टमेंट, श्याम नगर, चकेरी थाना क्षेत्र में रहने वाले शुभम, घर के इकलौते बेटे थे। उनका परिवार तीन पीढ़ियों से सीमेंट व्यवसाय से जुड़ा है। शुभम ने MBA की डिग्री के बाद पूरे कारोबार की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली थी। उनकी शादी मात्र दो महीने पहले 12 फरवरी 2025 को यशोदा नगर की ऐशान्या से हुई थी।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
घटना की सूचना मिलते ही शुभम के पिता चंदन प्रसाद द्विवेदी बेसुध होकर गिर पड़े। पूरा परिवार श्रीनगर के होटल में सेना और पुलिस की सुरक्षा में है। भाई सौरभ ने बताया कि शुभम की अंतिम बार 15 अप्रैल को ससुराल विज़िट हुई थी और 17 से 23 अप्रैल तक का जम्मू-कश्मीर टूर प्लान किया गया था।
राजनीतिक और सामाजिक जुड़ाव
शुभम का परिवार महाराजपुर क्षेत्र में एक मजबूत राजनीतिक प्रभाव रखता है। उनके चाचा सुभाष द्विवेदी और पिता चंदन द्विवेदी ग्राम प्रधान रह चुके हैं। भाई शैलेन्द्र द्विवेदी भाजपा से जुड़े वरिष्ठ नेता हैं। इस वजह से घटना ने न सिर्फ परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र में गुस्से की लहर दौड़ा दी है।
सुरक्षा पर फिर उठे सवाल
पहलगाम जैसे टूरिस्ट हॉटस्पॉट पर हुए इस हमले ने सुरक्षा इंतजामों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह सवाल उठना लाजिमी है कि जब टूरिस्ट इलाके में भी आम नागरिक सुरक्षित नहीं हैं तो बाकी क्षेत्रों में सुरक्षा का क्या हाल होगा?
सरकार से मांगें और जनता की आवाज़
इस घटना ने देश को झकझोर कर रख दिया है। सोशल मीडिया पर लोग #JusticeForShubham ट्रेंड करवा रहे हैं।
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परिवार को सरकारी मुआवजा देने की मांग की जा रही है।
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दोषियों के खिलाफ तुरंत और कठोर कार्रवाई की आवाजें उठ रही हैं।
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साथ ही, जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों की सुरक्षा की गारंटी सुनिश्चित करने की मांग भी तेज हो गई है।

निष्कर्ष
शुभम की हत्या न सिर्फ एक परिवार का उजड़ना है, बल्कि यह सवाल है हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकी गतिविधियों पर नियंत्रण का। इस घटना को भुलाया नहीं जा सकता। यह समय है कि सरकार एक कड़ा संदेश दे और उन दरिंदों को सबक सिखाए जिन्होंने एक नवविवाहित जोड़े का सपना रौंद डाला।