New Parliament building : गणेश चतुर्थी यानि की आज से नए भवन में संसद की कार्रवाही चलेगी। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा की संसद नयी उम्मीद और विश्वाश के साथ नए भवन में प्रवेश करने जा रहा है। आपको बता दे की पुरानी इमारत साल 1927 में बनकर तैयार हुई थी। इस पुरानी इमारत को आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर ने डिज़ाइन किया था। 96 साल पुरानी इस इमारत में कई ऐतिहासिक बिल पारित हुए। आज से अब नए संसद भवन में एक नयी उम्मीद के साथ संसद की कार्रवाही चलेगी। यह सवाल आपके भी मन में जरूर आरहा होगा की अब इस पुराने भवन को क्या किया जायेगा। क्या इस नए इमारत में शिफ्ट होने के बाद क्या पुरानी ईमारत को ध्वस्त कर दिया जाएगा। आज हम इस आर्टिकल में इस सभी सवालों के जवाब देते है।
पुरानी संसद भवन का क्या होगा ?
आपको बता दे की नए भवन में शिफ्ट होने के बाद पुरानी संसद भवन को धवस्त नहीं किया जायेगा। खबरों की माने तो ऐतहासिक संरचना का संरक्षण किया जायेगा। पुरानी इमारत को पुरातत्विक धरोहर के रूप में बदल दिया जायेगा। इससे पहले इसकी मरम्मत होगी। आपको बता दे की यह भवन साल 1927 में बनकर तैयार हुआ था। अब यह इमारत 96 साल पुरानी हो चुकी है। लोकसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पुरानी इमारत की हर एक ईंट को श्रद्धांजलि अर्पित की।
New Parliament building: नए संसद भवन की खासियत
आपको बता दे की नए संसद भवन की लागत 970 करोड़ रूपए है। इस नयी इमारत में 1200 से अधिक सांसदों के बैठने की जगह है। त्रिभुजाकार चार मंजिला यह भवन 64,500 वर्ग मीटर क्षेत्र पर फैली हुई है। नए संसद भवन के प्रवेश द्वार पर “सत्यमेव जयते” लिखा गया है। नए भवन में तीन मुख्य द्वार है। ज्ञान द्वार,शक्ति द्वार,कर्म द्वार। यह भवन इकोफ्रैंडली है। तथा यह भूकंप रोधी तकनीक से बना है।