आपको बता दे इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया। Banke Bihari Temple की जमीन को सरकारी दस्तावेजों पर कब्रिस्तान दर्ज किये जाने पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। आपको बता दे की हाई कोर्ट ने सरकारी दस्तावेजों में गलत ढंग से हुई एंट्री को रद्द करते हुए जमीन मंदिर के ट्रस्ट के नाम करने का आदेश सुनाया।
हाई कोर्ट के जस्टिस ने सरकारी दस्तावेजों में गलत ढंग से हुई एंट्री को रद्द करते हुए जमीन को 30 दिन के भीतर श्री बिहारी जी सेवा ट्रस्ट के नाम किये जाने का आदेश सुनाया है। विस्तार से जानिए क्या है पूरा मामला।
Banke Bihari Temple: जस्टिस सौरभ श्रीवास्तव ने सुनाया बड़ा फैसला
Banke Bihari Temple: आपको बता दे की जस्टिस सौरभ श्रीवास्तव ने श्री बिहारी जी सेवा ट्रस्ट, मथुरा द्वारा दायर की गयी याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया।
आपको बता दे की ट्रस्ट द्वारा दायर की गयी याचिका की सुनवाई करते हुए इलाहाबाद कोर्ट ने यह बड़ा फैसला सुनाया है। दायर किये गए याचिका में बताया गया की जमीन का सामित्व साल 2004 में सरकारी दस्तावेजों में बदल दिया गया था। मंदिर का जमीन कब्रिस्तान के नाम पर दर्ज था।
जस्टिस सौरभ ने इस मामले बड़ा फैसला दिया है।
राजस्व अधिकारीयों से कोर्ट ने मांगा था रिकॉर्ड
Banke Bihari Temple: ख़बरों की माने तो कोर्ट ने राजस्व अधिकारीयों से जमीन के स्वामित्व में हुए परिवर्तन के मामले में पूरा रिकॉर्ड मांगा था। रिकॉर्ड देखकर हाई कोर्ट ने कब्रिस्तान के नाम पर दर्ज की गई एंट्री को रद्द कर दिया।
एंट्री रद्द करने के बाद कोर्ट ने मंदिर की जमीन ट्रस्ट के नाम किए जाने का फैसला सुनाया। कोर्ट ने 30 दिन के भीतर जमीन मंदिर के ट्रस्ट के नाम किये जाने का आदेश दिया।
आपको बता दे की राजस्व अधिकारी यह बताने में भी असफल रहे की यह रिकॉर्ड किसके आदेश पर बदले गए थे।