Gujarat News: द केरला स्टोरी की रिलीज़ के बाद से हीं वह विवादों का विषय बनी हुई है. जब प्रधानमंत्री ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के वक़्त खुद इस फिल्म की तारीफ की. पीएम की तारीफ़ के बाद जो लोग इस फिल्म को नापसंद या प्रोपोगंडा बता रहे थे उन लोगों ने गुजरात की सरकार और गुजरात की पुलिस से 40000 लापता महिलाओं के बारे में पूछा जो पिछले चार सालों में गायब हुई हैं. इसपर गुजरात पुलिस ने शानदार जवाब दिया है.
क्या है पूरा मामला
Gujarat News: गुजरात पुलिस ने मंगलवार को कहा कि 2016 और 2020 के बीच राज्य में लापता हुई 41,621 महिलाओं में से 39,497 का पता लगा लिया गया है. इन लड़कियों को उनके परिवारों के साथ फिर से मिला दिया गया है. वर्तमान में केवल “1000 से अधिक” महिलाएं ही लापता हैं.
पुलिस ने कुछ मीडिया आउटलेट्स द्वारा प्रकाशित रिपोर्टों को “भ्रामक” और “अर्ध-सत्य” के रूप में खारिज कर दिया, जिसमें एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए दावा किया गया था कि पांच वर्षों में गुजरात में 40,000 से अधिक महिलाएं लापता हो गई हैं.
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) नरसिम्हा कोमार ने कहा, “उसी एनसीआरबी (राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो) की रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि उस अवधि (2016-20) के दौरान 39,000 से अधिक महिलाएं मिल भी गईं हैं.
94% महिलाओं का हुआ पुनर्मिलन
Gujarat News: उन्होंने कहा कि एनसीआरबी द्वारा प्रकाशित ‘क्राइम इन इंडिया’ रिपोर्ट के अनुसार, 2016 और 2020 के बीच गुजरात में 41,621 महिलाएं लापता हुईं, लेकिन उसी रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 39,497 लापता महिलाओं का पुलिस ने पता लगा लिया है और उसी अवधि में उनके परिवारों के साथ पुनर्मिलन किया है.
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कोमार ने गांधीनगर में पत्रकारों से कहा, “यह दर्शाता है कि 94.90 प्रतिशत महिलाएं पहले ही मिल चुकी हैं.
लापता महिलाओं और खोजे गए लोगों के बीच 2,124 के अंतर के बारे में पूछे जाने पर, कुमार ने कहा, नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, राज्य में वर्तमान में केवल “1,000 से अधिक” महिलाएं गायब हैं.
पुलिस अधिकारी ने कहा कि घरेलू हिंसा, तनाव, पारिवारिक विवाद, मानसिक बीमारी या घर से भाग जाने जैसे कई कारणों से महिलाएं घर छोड़ती हैं.
एनसीआरबी द्वारा हाल ही में प्रकाशित 2021 के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष के दौरान लापता होने वालों की तुलना में अधिक (संख्या) महिलाएं पाई गईं।.2021 में लापता हुई 9,812 महिलाओं के मुकाबले 10,608 महिलाएं मिलीं. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि लापता महिलाओं को ढूंढना है. पुलिस के लिए एक सतत प्रक्रिया, और जो महिलाएं पिछले वर्षों में लापता हुई थीं, उन्हें आने वाले वर्षों में ढूंढा जाएगा,” कुमार ने कहा