भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) समय-समय पर ग्राहकों के हित में और नियमों के उल्लंघन की स्थिति में बैंकों के खिलाफ कड़े कदम उठाता है। इस बार, महाराष्ट्र के अकलुज स्थित “शंकरराव मोहिते पाटील सहकारी बैंक लिमिटेड” का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। आरबीआई ने 11 अप्रैल से इस बैंक का कारोबार पूरी तरह बंद करने का आदेश दिया है।
बैंक को बंद करने और लिक्विडेटर नियुक्त करने का निर्देश
RBI ने महाराष्ट्र सरकार के रजिस्ट्रार ऑफ को-ऑपरेटिव सोसायटीज से अनुरोध किया है कि वे बैंक को समाप्त करने (वाइंड अप) का आदेश जारी करें और एक लिक्विडेटर नियुक्त करें। इसके अलावा, बैंक को बैंकिंग से जुड़ी कोई भी गतिविधि जैसे जमा स्वीकार करना या जमा की राशि लौटाना, तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित कर दिया गया है। यह निर्णय बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 की धारा 5(B) और 56 के अंतर्गत लिया गया है।
कमजोर वित्तीय स्थिति, ग्राहकों के हित में लिया गया फैसला
RBI का कहना है कि इस सहकारी बैंक की वित्तीय हालत बेहद खराब है। इसके पास ना तो पर्याप्त पूंजी है और ना ही भविष्य में लाभ कमाने की कोई संभावना नजर आ रही है। बैंक कई अहम नियमों का पालन नहीं कर पा रहा है और अगर इसे आगे संचालन की अनुमति दी जाती, तो यह उसके जमाकर्ताओं के लिए जोखिम भरा हो सकता था। बैंक की मौजूदा स्थिति ऐसी है कि वह अपने वर्तमान जमाकर्ताओं को भी पैसा लौटाने में सक्षम नहीं है।
जमाकर्ताओं को मिलेगा बीमा के तहत पैसा
बैंक का लाइसेंस रद्द होने के बाद, जमाकर्ता अब अपने जमा पैसों पर 5 लाख रुपये तक का बीमा दावा कर सकते हैं। यह दावा “डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC)” के अंतर्गत किया जाएगा। DICGC अधिनियम 1961 के तहत यह प्रावधान लागू होता है।
RBI के अनुसार, बैंक के 99.72% जमाकर्ता पूरे 5 लाख रुपये तक की बीमित राशि पाने के पात्र हैं। 31 मार्च 2025 तक DICGC द्वारा 47.89 करोड़ रुपये की बीमित राशि पहले ही संबंधित जमाकर्ताओं को उनके दावों के अनुसार दी जा चुकी है।