LIC एजेंट आंदोलन: नई पॉलिसी पर 14 लाख अभिकर्ता नाराज़
बीमा अभिकर्ता आंदोलन: एलआईसी की नई नीतियों से असहमति, 14 लाख एजेंटों में रोष
11 अप्रैल 2025
बीमा अभिकर्ताओं का संघर्ष – LIC की नीतियों पर सवाल
भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के 14 लाख से अधिक अभिकर्ता इन दिनों नई बीमा पॉलिसी नियमों के खिलाफ सड़क पर उतर आए हैं। उनका दावा है कि एलआईसी ने जो बदलाव किए हैं, वे अभिकर्ताओं की आय और अधिकारों को सीधा प्रभावित करते हैं।
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क्या हैं अभिकर्ताओं की मांगें?
- कमीशन कटौती का विरोध
- नई एज लिमिट (50 वर्ष) हटाना
- पॉलिसी के न्यूनतम बीमा राशि में की गई बढ़ोतरी को वापस लेना
- 2021 की विवादास्पद नियमावली को हटाना
LIC की जवाबदेही पर सवाल
एलआईसी के स्थायी कर्मचारियों की संख्या मात्र 1 लाख के करीब है, जबकि अभिकर्ताओं की संख्या 14 लाख से अधिक है। फिर भी नीतियों में एजेंटों की राय को अनदेखा किया गया। इससे अभिकर्ताओं में असंतोष और संघर्ष की भावना बढ़ी है।
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क्या यह आंदोलन LIC की साख को गिरा सकता है?
LIC के पॉलिसीधारकों की संख्या 28 करोड़ से अधिक है। इन ग्राहकों को बीमा से जोड़ने में अभिकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। आंदोलन के कारण ग्राहक सेवा प्रभावित हो सकती है, जिससे कंपनी की छवि और बाजार में स्थिति कमजोर हो सकती है।
अधिकार या अनुशासन? – अभिकर्ताओं को धमकी
कई मंडल कार्यालयों द्वारा एजेंटों को प्रदर्शन से रोकने के लिए धमकी भरे संदेश भेजे जा रहे हैं। कुछ को चेतावनी दी गई है कि यदि वे विरोध में शामिल होंगे तो उनका कमीशन रोका जाएगा और लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है।
क्या है भविष्य की राह?
अगर एलआईसी अपने ही एजेंटों को सुनने को तैयार नहीं हुई, तो यह आंदोलन और तेज़ हो सकता है। इससे बीमा क्षेत्र में सरकारी और निजी कंपनियों के बीच विश्वास का अंतर और गहराएगा।
“यह केवल एजेंटों का नहीं, पूरे बीमा सेक्टर का सवाल है। अगर हमारी बात नहीं सुनी गई, तो आंदोलन और तेज़ किया जाएगा।” — ऑल इंडिया लाइफ इंश्योरेंस एजेंट्स एसोसिएशन Watch This Video
आपकी राय क्या है?
क्या LIC को अपने अभिकर्ताओं की मांगों पर पुनर्विचार करना चाहिए? क्या निजी बीमा कंपनियों को इससे फायदा मिलेगा? नीचे कमेंट करें और अपनी राय साझा करें।
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