भारत ने बंद किए चेनाब के बांधों के गेट, पाकिस्तान में मचा हाहाकार — सूख गई नदी, डॉन ने दी तबाही की चेतावनी!
न्यूज़ हाइलाइट्स (News Highlights):
-
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को किया सस्पेंड
-
चेनाब नदी का बहाव 35,000 क्यूसेक से घटकर सिर्फ 3,100 क्यूसेक रह गया
-
पाकिस्तान ने खुद स्वीकारा — सूख रही है चेनाब नदी
-
भारतीय बांधों के गेट अचानक बंद होने से सिंचाई और पीने के पानी का संकट
-
पाक अधिकारी बोले — भारत अगर अचानक छोड़े पानी, तो आ सकती है भीषण बाढ़
नई दिल्ली/इस्लामाबाद:
भारत और पाकिस्तान के बीच फिर एक बार जल संकट गहराता नजर आ रहा है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को सस्पेंड कर कूटनीतिक दबाव बढ़ा दिया है। अब इसके असर चेनाब नदी पर दिखने लगे हैं। पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने चुपचाप सलाल और बगलिहार बांधों के गेट बंद कर दिए हैं, जिससे चेनाब नदी पाकिस्तान में लगभग सूख गई है।
Also Read This:- इमरान खान जेल विवाद: वायरल रिपोर्ट में यौन शोषण का दावा”
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को चेनाब का बहाव 35,000 क्यूसेक से घटकर 3,100 क्यूसेक रह गया। पाकिस्तानी पंजाब के सिंचाई विभाग के अधिकारी ने बताया कि भारत ने रविवार को यह निर्णय लिया और बिना सूचना के नदी का बहाव रोक दिया। इसका असर पाकिस्तान की खेती और पेयजल आपूर्ति पर सीधा पड़ रहा है।
India blocks Chenab river water: भारत की तैयारी या रणनीति?
सूत्रों के मुताबिक, यह निर्णय सलाल और बगलिहार डैम में जलाशय भरने के लिए लिया गया है। इन डैम्स की कुल स्टोरेज कैपेसिटी लगभग 1.2 मिलियन एकड़ फीट है। डॉन ने यह भी दावा किया कि भारत पाकल दुल, बगलिहार और सलाल जैसे डैम्स के जरिए अब पाकिस्तान की जल आपूर्ति को अपने नियंत्रण में ले रहा है।
Also Read This:- PAN कार्ड पर ₹5 लाख तक का पर्सनल लोन, वो भी बिना गारंटी – जानें आवेदन की पूरी प्रक्रिया
पाकिस्तान की चेतावनी और डर
डॉन ने पाक अधिकारियों के हवाले से लिखा है कि अगर भारत अचानक पानी छोड़ता है, तो पाकिस्तान के कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन सकती है। वहीं अगर पानी न छोड़ा जाए तो चार से पांच दिन तक पाकिस्तान के कई हिस्से सूखे की चपेट में आ सकते हैं।
India blocks Chenab river water: क्या भारत ने सिंधु जल संधि तोड़ी?
पाकिस्तानी पक्ष इसे संधि का उल्लंघन बता रहा है, जबकि भारत की ओर से अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट कहती है कि यह कदम गाद निकालने के बाद बांध भरने के लिए लिया गया है, न कि स्थायी रूप से पानी रोकने के लिए।
Also Read This:- बैंक ऑफ बड़ौदा में 10वीं पास के लिए 500 पदों पर भर्ती, सैलरी ₹37,815 तक
निष्कर्ष:
भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव में अब जल कूटनीति एक नया मोर्चा बन चुकी है। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि क्या भारत इस नीति को और आक्रामक बनाएगा या बातचीत की कोई राह खुलेगी।