Monday, June 16, 2025
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“आख़िरकार सरकार ने तोड़ी चुप्पी: अब दिव्यांगों को मिलेगा ‘अपना घर’ – जानिए कैसे और कब?”

"A historic move by the Indian government to ensure equal housing rights for persons with disabilities through 4% reservation in central housing schemes."

अब दिव्यांगों को भी मिलेगा ‘अपना घर’: केंद्र सरकार ने दी सरकारी हाउसिंग में 4% आरक्षण की सौगात

News Highlights (मुख्य बिंदु):

  • 🇮🇳 केंद्र सरकार ने दिव्यांगजनों को सरकारी हाउसिंग में 4% आरक्षण देने का फैसला किया

  • 🏠 यह आरक्षण सभी केंद्रीय सरकारी हाउसिंग स्कीम, फ्लैट और योजनाओं पर लागू होगा

  • 📜 निर्णय RPwD Act, 2016 के तहत लिया गया — दिव्यांगों के अधिकार को मजबूती

  • 🚪 रैंप, लिफ्ट और चौड़ी गलियों जैसी सुविधाएं होंगी अनिवार्य

  • 🔔 सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इसे तत्काल प्रभाव से लागू करने के निर्देश

  • 🗣️ मनोहर लाल खट्टर: “यह सहानुभूति नहीं, समान अवसर का अधिकार है”

भारत में दिव्यांगजनों के लिए एक बड़ी राहत और सम्मानजनक पहल करते हुए केंद्र सरकार ने सरकारी आवास योजनाओं में 4% आरक्षण लागू करने का ऐलान किया है। यह फैसला केवल एक नीतिगत बदलाव नहीं, बल्कि समावेशी भारत के निर्माण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।

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4% housing reservation for Divyang: क्या है फैसला?

केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में यह निर्णय लिया गया है, जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि अब केंद्रीय सरकारी आवास योजनाओं में 4% आवंटन दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित रहेगा।

यह कदम सीधे तौर पर दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 (RPwD Act) के तहत लागू किया गया है, जो दिव्यांग नागरिकों को समान अधिकार, गरिमा और मुख्यधारा में भागीदारी सुनिश्चित करता है।

क्यों है यह फैसला खास?

  • शहरी भारत में हाउसिंग एक बड़ी समस्या रही है, और दिव्यांगजन अक्सर सामान्य प्रक्रिया में पीछे रह जाते हैं।

  • अब उन्हें प्राथमिकता के आधार पर फ्लैट, सरकारी कॉलोनी और आवासीय योजनाओं में जगह मिल सकेगी।

  • रैंप, एलिवेटर, चौड़ी गलियां जैसी एक्सेसिबल सुविधाएं भी अनिवार्य की गई हैं।

सबका साथ, सबका विकास: एक और ठोस कदम

यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “सुगम्य भारत अभियान” और “सबका साथ, सबका विकास” विज़न के तहत नीतिगत समानता को जमीन पर उतारने वाला है। मंत्री मनोहर लाल ने इसे “सहानुभूति नहीं, समान अधिकार” का प्रतीक बताया।

डायरेक्टरेट ऑफ एस्टेट्स का ऑफिस मेमोरेंडम

इस ऐलान के साथ ही डायरेक्टरेट ऑफ एस्टेट्स ने एक आधिकारिक ज्ञापन (Office Memorandum) जारी कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे इस नियम को तत्काल प्रभाव से लागू करें

4% housing reservation for Divyangक्या बदल जाएगा?

  • सरकारी हाउसिंग आवंटन में दिव्यांगों को मिलेगा सीधा लाभ

  • समावेशी आवासीय परिसर बनेंगे—जहां वे स्वतंत्रता से रह सकें

  • आवास योजनाएं दिव्यांग अनुकूल होंगी, जिससे उनका जीवन सुगम होगा

निष्कर्ष:

दिव्यांगजनों के लिए यह एक सशक्तिकरण की पहल है जो उन्हें न केवल एक सुरक्षित और सुलभ घर देगा, बल्कि समाज में उनकी समान और गरिमामय भागीदारी भी सुनिश्चित करेगा। यह फैसला भारत को वास्तव में समावेशी राष्ट्र बनाने की दिशा में मील का पत्थर है।

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