तमिल एक्टर विजय के खिलाफ फतवा जारी, जानिए क्यों भड़के मुस्लिम समुदाय के लोग
बरेली (उत्तर प्रदेश): ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने तमिल एक्टर और तमिलनाडु विजय कार्थिक (TVK) पार्टी के अध्यक्ष विजय के खिलाफ फतवा जारी किया है।
यह विवाद विजय के फिल्मी किरदारों और एक इफ्तार पार्टी से जुड़ी घटनाओं को लेकर हुआ है। मौलाना ने आरोप लगाया कि विजय ने अपनी फिल्मों में मुसलमानों को गलत तरीके से पेश किया है, जिससे तमिलनाडु के सुन्नी मुसलमानों में नाराजगी फैल गई है।
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विजय पर क्या हैं आरोप?
मौलाना रजवी बरेलवी के अनुसार, विजय ने अपनी फिल्मों में मुसलमानों को आतंकवादियों के रूप में प्रस्तुत किया, जिससे समुदाय के लोग आहत हैं।
इसके अलावा, विजय की इफ्तार पार्टी में शराब पीने वालों और जुआ खेलने वालों को बुलाने के आरोप भी लगाए गए हैं। इस विवाद के बाद, बरेलवी ने फतवा जारी किया और मुसलमानों से अपील की कि वे विजय का साथ न दें।
विजय की राजनीतिक गतिविधियाँ:
हाल ही में, विजय ने अपनी पार्टी TVK की स्थापना की है, जिसका उद्देश्य तमिलनाडु के लोगों के लिए एक स्थिर राजनीतिक विकल्प प्रस्तुत करना है।
विजय की पार्टी ने मुसलमानों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने का दावा किया है, लेकिन मौलाना रजवी का कहना है कि विजय की राजनीतिक गतिविधियाँ उसकी फिल्मों में दिखाए गए मुस्लिम चरित्रों से मेल नहीं खातीं।
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वक्फ कानून पर विजय की याचिका:
इस विवाद के बीच, विजय ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 को चुनौती दी है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है,
जिसमें वक्फ काउंसिल और वक्फ बोर्ड में गैर-मुसलमानों को शामिल करने के प्रावधानों का विरोध किया गया है। इसके अलावा, वक्फ संपत्तियों पर विवादों के निपटारे में कलेक्टरों को शक्तियां देने के खिलाफ भी उन्होंने आपत्ति जताई है।
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सुप्रीम कोर्ट का रुख:
सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के कुछ प्रावधानों पर रोक लगाने की संभावना जताई है।
कोर्ट ने मुर्शिदाबाद जिले में हो रही हिंसा पर भी चिंता व्यक्त की है। कोर्ट ने कहा है कि वह इस मामले में एक अंतरिम आदेश पारित करने पर विचार कर रही है, जो कानून के संतुलन को बनाए रखेगा।
क्यों है यह मामला महत्वपूर्ण?
यह विवाद केवल फिल्म इंडस्ट्री और राजनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज में विभिन्न धार्मिक और राजनीतिक धाराओं के बीच बढ़ती असहमति को भी दर्शाता है।
विजय का राजनीतिक कदम और उनके फिल्मी किरदारों पर इस प्रकार के विवाद भविष्य में उनकी छवि पर बड़ा असर डाल सकते हैं।