कांग्रेस की ‘गायब तस्वीर’ से सियासी बवाल: BJP ने कहा- ये ‘सर तन से जुदा’ वाली सोच है!
📅 नई दिल्ली, 29 अप्रैल 2025
✍️ Onews Hindi डेस्क
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। एक ओर जहां विपक्ष सरकार के साथ खड़ा होने की बात कर रहा है, वहीं कांग्रेस की ओर से सोशल मीडिया पर साझा की गई एक विवादित तस्वीर ने राजनीतिक हलचल को तेज कर दिया है।
क्या है मामला?
कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक तस्वीर साझा की है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे परिधान में एक ‘बिना सिर वाली तस्वीर’ दिखाई गई है। इस पोस्ट के साथ कांग्रेस ने लिखा- “जिम्मेदारी के समय गायब”, जो बीजेपी को खासा नागवार गुज़री।
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BJP का तीखा पलटवार: “ये कट्टर सोच है”
बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने इस पोस्ट को ‘सर तन से जुदा’ विचारधारा से जोड़ते हुए कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कांग्रेस की मुस्लिम वोट बैंक को साधने और प्रधानमंत्री के खिलाफ हिंसात्मक उकसावे की रणनीति है। उन्होंने कहा:
“यह महज एक राजनीतिक कटाक्ष नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री के खिलाफ एक गंभीर और सांप्रदायिक संकेत है। राहुल गांधी पहले भी हिंसा को जायज़ ठहराते रहे हैं।”
अनुराग ठाकुर का सवाल: कांग्रेस भारत के साथ है या पाकिस्तान के?
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस पर पाकिस्तान का पक्ष लेने का आरोप लगाते हुए कहा:
“कांग्रेस हर बार आतंकवाद या सर्जिकल स्ट्राइक के समय पाकिस्तान की भाषा बोलती है। आज भी जब देश आहत है, कांग्रेस एक बार फिर पाकिस्तान समर्थक बयानबाज़ी कर रही है।”
#WATCH | Delhi: BJP MP Anurag Thakur says, "… 'Congress aur unke netaaon ki kya majboori hai, ki Pakistan ke bol bolne zaruri hain?' Why are they supporting Pakistan? Do they not get angry when they see the bloodshed of Indians?… Their leader and former cabinet minister… pic.twitter.com/MJjUM6LH76
— ANI (@ANI) April 29, 2025
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विपक्ष ने की संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग
हालांकि विवाद के बीच कांग्रेस ने सरकार से एक रचनात्मक मांग भी की है। राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर संसद के दोनों सदनों का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। उनका कहना है कि पहलगाम हमले के बाद देश को एकजुटता और आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख दिखाने की जरूरत है।
राहुल गांधी ने पत्र में लिखा:
“यह समय राजनीतिक मतभेद भुलाकर एक स्वर में आतंकवाद के खिलाफ खड़े होने का है। संसद में इस पर चर्चा से देश को एक मजबूत संदेश जाएगा।”
क्या कहती है जनता और विश्लेषक?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मामला अब सिर्फ एक सोशल मीडिया पोस्ट तक सीमित नहीं है, बल्कि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद बदले सियासी समीकरणों में एक नया मोड़ है। सोशल मीडिया पर भी इस पोस्ट को लेकर ज़बरदस्त बहस छिड़ी हुई है।