Tuesday, May 20, 2025
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कनाडा चुनाव 2025: भारत विरोधी जगमीत सिंह की करारी हार, खालिस्तान समर्थकों को झटका

"Jagmeet Singh, known for his anti-India and pro-Khalistan stance, faces a crushing defeat in the 2025 Canada elections, putting his party's national status at risk."

भारत विरोधी और खालिस्तान समर्थक जगमीत सिंह को करारी शिकस्त, कनाडा चुनाव में खोई राजनीतिक ज़मीन

ओटावा (कनाडा), अप्रैल 2025:
कनाडा में हुए हालिया आम चुनावों में भारत विरोधी और खालिस्तान समर्थक छवि वाले एनडीपी नेता जगमीत सिंह को ज़बरदस्त झटका लगा है।

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लंबे समय से कनाडा की राजनीति में प्रभाव रखने वाले जगमीत अपनी सीट तक नहीं बचा सके। इसके साथ ही उनकी पार्टी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) को भी जबरदस्त हार का सामना करना पड़ा, जिससे पार्टी का राष्ट्रीय दल का दर्जा खतरे में पड़ गया है।

News Highlights:

  • कनाडा चुनाव में भारत विरोधी नेता जगमीत सिंह की करारी हार

  • खालिस्तान समर्थक गतिविधियों का समर्थन करने वाले जगमीत ने गंवाई अपनी सीट

  • एनडीपी को नहीं मिलीं 12 सीटें, छिन सकता है राष्ट्रीय दल का दर्जा

  • हार के बाद जगमीत सिंह ने पार्टी लीडर पद से दिया इस्तीफा

  • खालिस्तान समर्थकों को कनाडा में लगा बड़ा राजनीतिक झटका

हार के बाद इस्तीफा

एनडीपी को इस बार 12 सीटें भी नहीं मिलीं, जो राष्ट्रीय दर्जा बनाए रखने के लिए जरूरी थीं। जगमीत सिंह ने इस शर्मनाक हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पार्टी के लीडर पद से इस्तीफा दे दिया

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खालिस्तान समर्थक गतिविधियों का था खुला समर्थन

जगमीत सिंह लंबे समय से भारत विरोधी बयानबाज़ी के लिए जाने जाते रहे हैं। वे कई बार खालिस्तान समर्थक विचारों का खुलेआम समर्थन कर चुके हैं।

कनाडा में खालिस्तान समर्थकों द्वारा की जा रही गतिविधियों पर भी जगमीत ने न सिर्फ चुप्पी साधी, बल्कि कई बार परोक्ष या अपरोक्ष रूप से समर्थन भी जताया।

उनकी इस राजनीतिक सोच के चलते भारतीय मूल के कई कनाडाई नागरिक भी उनसे दूरी बनाने लगे थे।

jagmeet singh

लिबरल पार्टी को मिली बढ़त, कार्नी फिर बन सकते हैं पीएम

दूसरी ओर चुनावी नतीजों में लिबरल पार्टी को अच्छी बढ़त मिलती दिख रही है। मार्क कार्नी की पार्टी एक बार फिर सत्ता में लौटती नजर आ रही है।

वहीं कंज़र्वेटिव पार्टी के पियरे पोलीवरे के साथ कांटे की टक्कर के बावजूद, लिबरल पार्टी का पलड़ा भारी दिखाई दे रहा है।

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खालिस्तान समर्थकों को बड़ा झटका

जगमीत सिंह की हार केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि कनाडा में सक्रिय खालिस्तान समर्थकों के लिए भी बड़ा झटका है।

उनके सबसे बड़े राजनीतिक चेहरे की हार के बाद अब कनाडा की मुख्यधारा की राजनीति में खालिस्तान समर्थक एजेंडा कमजोर पड़ता दिख रहा है।


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