बीएसएनएल-वोडाफोन आइडिया मर्जर पर सरकार का बड़ा फैसला, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने तोड़ी चुप्पी
BSNL Vodafone Idea मर्जर: बीते कुछ समय से टेलीकॉम सेक्टर में एक बड़ा सवाल गूंज रहा था — क्या वोडाफोन आइडिया (Vi) और बीएसएनएल का मर्जर होने वाला है? लेकिन अब इस पर खुद टेलीकॉम मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्थिति पूरी तरह स्पष्ट कर दी है। उन्होंने न सिर्फ मर्जर की संभावनाओं को सिरे से खारिज किया, बल्कि यह भी बताया कि सरकार Vi में अपनी हिस्सेदारी और नहीं बढ़ाने जा रही है।
न्यूज़ कंटेंट टेबल
शीर्षक | विवरण |
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वोडाफोन आइडिया और बीएसएनएल मर्जर की खबर | सरकार ने मर्जर की किसी भी योजना से इनकार किया |
सरकार की Vi में हिस्सेदारी | मौजूदा हिस्सेदारी 49%, आगे और नहीं बढ़ेगी |
AGR और स्पेक्ट्रम बकाया | कंपनी को खुद निपटना होगा, सरकार से अब और राहत नहीं |
बीएसएनएल की स्थिति | 18 सालों में पहली बार तिमाही मुनाफा, 4G नेटवर्क पर तेजी से काम |
5G लॉन्च की योजना | पहले QoS पर ध्यान, फिर धीरे-धीरे 5G की ओर बढ़ेंगे |
स्वदेशी तकनीक का समर्थन | विदेशी सप्लायर्स को 5G कॉन्ट्रैक्ट में शामिल नहीं किया जाएगा |
कुल टावर की योजना | जुलाई तक 1 लाख 4G टावर पूरे करने का लक्ष्य |
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BSNL Vodafone Idea मर्जर: क्या है सरकार का रुख?
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्पष्ट किया कि सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है जिससे बीएसएनएल और वोडाफोन आइडिया का मर्जर किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार पहले ही Vi में 49% की हिस्सेदारी रखती है और इसमें इजाफा करने की कोई योजना नहीं है। अगर ऐसा हुआ तो Vi एक सरकारी कंपनी बन जाएगी, जो सरकार नहीं चाहती।
AGR बकाया और कंपनी की जिम्मेदारी
वोडाफोन आइडिया पर अभी भी भारी भरकम AGR और स्पेक्ट्रम बकाया है। इस पर सिंधिया ने कहा कि यह कंपनी की जिम्मेदारी है कि वह सरकार को अपना बकाया चुकाए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने पहले ही इक्विटी राहत देकर सहायता की है और अब आगे कोई स्टेक नहीं बढ़ाया जाएगा।
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बीएसएनएल की ग्रोथ पर फोकस
बीएसएनएल को लेकर सिंधिया ने सकारात्मक संकेत दिए। उन्होंने बताया कि कंपनी ने 18 सालों में पहली बार 262 करोड़ रुपये का तिमाही मुनाफा दर्ज किया है। सरकार बीएसएनएल के 4G नेटवर्क विस्तार पर तेज़ी से काम कर रही है। अब तक 90,000 में से 76,000 टावर सक्रिय हो चुके हैं और जुलाई तक 1 लाख टावर पूरे हो जाएंगे।
5G पर सरकार की रणनीति
5G लॉन्च को लेकर सिंधिया ने साफ किया कि पहले नेटवर्क को स्थिर किया जाएगा और QoS यानी क्वालिटी ऑफ सर्विस पर ध्यान दिया जाएगा। उसके बाद ही 5G की ओर शिफ्ट किया जाएगा। विदेशी उपकरण आपूर्तिकर्ताओं को अनुमति देने के सवाल पर उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत अपनी स्वदेशी तकनीक के साथ आगे बढ़ेगा और विदेशी कंपनियों पर निर्भर नहीं रहेगा।