Monday, June 16, 2025
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BSF जवान पीके साहू की पाकिस्तान से वापसी | अटारी बॉर्डर से 21 दिन बाद लौटे भारत

After 21 days in Pakistani custody, BSF constable Purnam Kumar Sahu returns home via the Wagah-Attari border; had crossed the border by mistake on April 23.

BSF Jawan PK Sahu की पाकिस्तान से वतन वापसी: 21 दिन बाद अटारी बॉर्डर से लौटे भारत

नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच एक राहत भरी खबर सामने आई है। सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवान कॉन्स्टेबल पूर्णम कुमार साहू को पाकिस्तान ने 21 दिन की हिरासत के बाद भारत को लौटा दिया है। साहू को आज अटारी-वाघा बॉर्डर के जरिए भारत को सौंपा गया।

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23 अप्रैल को गलती से पार की थी सीमा

पीके साहू, जो कि पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं, 23 अप्रैल 2025 को पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में ड्यूटी के दौरान गलती से पाकिस्तान की सीमा में चले गए थे। वहां उन्हें पाकिस्तानी रेंजरों ने हिरासत में ले लिया था। घटना के बाद से भारत सरकार और बीएसएफ लगातार उनकी रिहाई के प्रयास में जुटी हुई थी।

BSF Jawan PK Sahu: BSF का आधिकारिक बयान

बीएसएफ द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है,

“कॉन्स्टेबल पूर्णम कुमार साहू, जो 23 अप्रैल को ड्यूटी के दौरान गलती से पाक सीमा में प्रवेश कर गए थे, आज अटारी बॉर्डर के जरिए सकुशल भारत लौट आए हैं।”

उनकी वापसी से परिवार और बीएसएफ के जवानों में खुशी की लहर दौड़ गई है।

पत्नी रजनी साहू ने लड़ी कानूनी लड़ाई

पीके साहू की पत्नी रजनी साहू ने इस संकट के दौरान काफी संघर्ष किया। वह अपने पति की रिहाई की गुहार लेकर चंडीगढ़ पहुंचीं और बीएसएफ अधिकारियों से कई बार मुलाकात की। उनकी कोशिशों और भारतीय प्रशासन के प्रयासों से आखिरकार यह मिशन सफल हुआ।

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‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद आई राहत की खबर

भारत और पाकिस्तान के रिश्ते इस वक्त बेहद तनावपूर्ण हैं। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की मौत के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत जवाबी कार्रवाई की थी। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और पीओके के 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया।

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हालांकि पाकिस्तान की तरफ से पीके साहू की वापसी इस बात का संकेत है कि मानवीय मुद्दों पर अभी भी दोनों देशों के बीच संवाद की गुंजाइश बची हुई है।

BSF Jawan PK Sahu
BSF Jawan PK Sahu

निष्कर्ष: पीके साहू की रिहाई भले ही एक मानवीय पहलू हो, लेकिन यह घटना भारत-पाक तनाव के बीच एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखी जा रही है। भारत सरकार और बीएसएफ की त्वरित कार्रवाई ने एक परिवार को राहत की सांस दी है।


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