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Sunday, September 8, 2024

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Vikram Gokhale हिंदुस्तान को हिन्दू राष्ट्र देखना चाहते थे…

Vikram Gokhale की 82 साल की उम्र में शनिवार को दोपहर निधन हो गया. उन्होंने पुणे स्थित दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में अंतम साँस ली. वे पिछले कुछ दिनों से वहाँ भर्ती थे. उनका अंतिम संस्कार आज शाम पुणे के वैकुंठ क्रेमोटोरियम में किया जाएगा. उन्हें कई दिग्गजों ने श्रद्धांजलि दी है.

गोखले की हालत पिछले कुछ समय से नाजुक थी और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. डॉक्टर उन्हें लगातार रिवाइव करने की कोशिश कर रहे थे. हालाँकि, डॉक्टरों का प्रयास विफल हो गया. आज अस्पताल ने भी अपने हेल्थ अपडेट में कहा था कि वे जीवन-मौत से जूझ रहे हैं. उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है.

इसके पहले विक्रम गोखले की मौत की अफवाह उड़ी थी. इसके बाद परिजनों ने इसका खंडन किया था. सोशल मीडिया पर 24 नवंबर 2022 को उनके मौत की अफवाह उड़ने के बाद लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने लगे थे. इस बीच उनके परिवार ने कहा था कि वे अस्पताल में भर्ती हैं, लेकिन उनका निधन नहीं हुआ है.

Vikram Gokhale का फ़िल्मी सफर

उन्होंने 26 साल की उम्र में अभिनय की दुनिया में कदम रखा था. उन्होंने साल 1971 में बॉलीवुड में डेब्यू किया था. उनकी पहली बॉलीवुड फिल्म ‘परवाना’ थी. इसमें उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ काम किया था. इसके बाद वे ‘खुदा गवाह’ और ‘अग्निपथ’ में भी अमिताभ बच्चन के साथ काम किया.

दिग्गज एक्टर विक्रम गोखले को ‘हम दिल दे चुके सनम’ में दमदार अभिनय के लोग घर-घर में जानने लगे. ‘परवाना’, ‘अग्निपथ’, ‘खुदा गवाह’, ‘भूल भूलैया’ जैसी तमाम बॉलीवुड फिल्मों में वे अपनी एक्टिंग से जान डाल चुके हैं. उन्होंने हिंदी के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में भी काम किया था.

कंगना रनौत का किया था समर्थन

कंगना ने एक कार्यक्रम के दौरान 1947 में मिली आजादी को ‘भीख’ बताया था. इस पर गोखले ने उनका समर्थन किया था. उन्होंने कहा था कि कंगना रनौत ने जो कहा वह उससे सहमत हैं. विक्रम गोखले महाराष्ट्र के पुणे में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुँचे थे. तभी उन्होंने यह भी कहा था कि भारत को कभी भी ‘हरा’ नहीं होना चाहिए और इसे ‘भगवा’ बनाए रखने के प्रयास किए जाने चाहिए.

उन्होंने यह भी कहा था कि “कंगना रनौत ने जो कहा मैं उससे सहमत हूँ. हमें भीख में आजादी मिली. यह दिया गया था. बहुत से स्वतंत्रता सेनानी जिन्हें फाँसी दी गई थी, बड़े-बड़े लोगों ने उन्हें बचाने की कोशिश नहीं की. वे मूकदर्शक बने रहे.” गोखले ने बाद में ये भी कहा था कि, “कंगना रनौत ने जो कहा, उससे मैं भी सहमत हूँ कि हमें 2014 में असली आजादी मिली थी.”

 

 

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