पति ने मजदूरी कर बनाया पत्नी को टीचर, सरकारी नौकरी मिलते ही पत्नी बोली – “आप कौन जी?”
भरतपुर (राजस्थान): कभी जिस पति ने पसीना बहाकर मजदूरी से पत्नी की पढ़ाई-लिखाई करवाई, आज वही पत्नी सरकारी शिक्षक बनने के बाद अपने पति को ही पहचानने से इनकार कर रही है। यह चौंकाने वाला मामला राजस्थान के भरतपुर जिले के भुसावर इलाके से सामने आया है, जिसने रिश्तों के विश्वास को झकझोर कर रख दिया है।
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पीड़ित पति अनूप कुमार जाटव, निवासी नगला हवेली, ने जिला कलक्टर और न्यायालय में परिवाद दाखिल कर न्याय की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि वर्ष 2021 में उन्होंने बिना किसी दहेज के साधारण विवाह किया। शादी के बाद पत्नी को पढ़ाने के लिए उन्होंने खुद मजदूरी की, कोचिंग का खर्चा उठाया, और घर के अन्य आर्थिक बोझ को भी अकेले झेला।
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लेकिन वर्ष 2023 में जब पत्नी की सरकारी शिक्षिका के पद पर नियुक्ति हुई, तो उनका व्यवहार पूरी तरह से बदल गया। अनूप कुमार का आरोप है कि पत्नी अब न सिर्फ उन्हें बल्कि उनके माता-पिता को भी अपमानित करती है। इतना ही नहीं, 2 मई 2025 को उसने पति के साथ रहने से भी मना कर दिया, और उस पढ़ाई-लिखाई की कीमत चुकाने से भी इनकार कर दिया, जो उनके सपनों को सच करने के लिए पति ने मजदूरी कर जुटाई थी।
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अब मामला पहुंचा अदालत और कलक्टर के दरवाजे तक
अनूप कुमार ने बताया कि उन्हें न सिर्फ मानसिक पीड़ा हो रही है, बल्कि सामाजिक अपमान भी झेलना पड़ रहा है। उन्होंने अपर जिला न्यायाधीश और जिला कलेक्टर से न्याय की अपील की है। यह मामला अब सामाजिक चर्चा का विषय बन गया है, जहाँ लोग पूछ रहे हैं – क्या यह शिक्षित होने का मतलब है?