हरिद्वार नगर निगम ने एक अहम फैसला लेते हुए शहर के सभी अवैध कसाईखानों और मांस की दुकानों को बंद करने या स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है। इस कदम से हरिद्वार की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को और मजबूत करने की योजना बनाई गई है।
हरिद्वार में कसाईखानों पर सख्ती
नगर निगम द्वारा पारित आदेश के अनुसार, शहर में चल रहे लगभग 100 कसाईखानों में से केवल कुछ के पास ही वैध लाइसेंस हैं। प्रशासन की सख्ती के चलते अब वैध लाइसेंस प्राप्त दुकानों को सराय गाँव में बनाए गए नए क्षेत्र में स्थानांतरित किया जाएगा, जबकि अवैध दुकानों को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। हरिद्वार नगर आयुक्त नंदन कुमार के अनुसार, “सराय गाँव में अब तक 60 नई दुकानें बनाई जा चुकी हैं, जहाँ वैध दुकानों को स्थानांतरित किया जाएगा।”
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मांस और शराब बिक्री पर प्रतिबंध
नगर निगम के आदेश के अनुसार, ज्वालापुर और जगजीतपुर को छोड़कर पूरे हरिद्वार में मांस और शराब की बिक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दी गई है। यह निर्णय स्वच्छता बनाए रखने, आवारा कुत्तों की बढ़ती समस्या को नियंत्रित करने और हरिद्वार को एक धार्मिक केंद्र के रूप में बनाए रखने के लिए लिया गया है।
स्वच्छता और धार्मिकता का संतुलन
हरिद्वार धार्मिक पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र है और हर साल लाखों श्रद्धालु यहाँ आते हैं। नगर निगम का यह कदम शहर की स्वच्छता और धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। कसाईखानों की वजह से गंदगी और दुर्गंध की समस्या बढ़ जाती थी, जिससे पर्यावरण और आम जनता को भी कठिनाई होती थी।
प्रशासन की सख्त कार्रवाई
नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि जो भी दुकानें अवैध रूप से संचालित हो रही हैं, उन्हें तुरंत बंद कर दिया जाएगा। इसके लिए प्रशासन लगातार निरीक्षण कर रहा है और आवश्यक कानूनी कार्रवाई भी कर रहा है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
इस फैसले पर स्थानीय लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। धार्मिक संगठनों और पर्यावरणविदों ने इस कदम का समर्थन किया है, वहीं कुछ व्यापारियों ने अपनी आजीविका को लेकर चिंता व्यक्त की है।
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समाप्ति
हरिद्वार नगर निगम का यह फैसला शहर को स्वच्छ, धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से सुरक्षित बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि किसी भी अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सभी नियमों को सख्ती से लागू किया जाएगा।