भारत ने बांग्लादेश की ट्रांसशिपमेंट सुविधा की समाप्त, यूनुस के बयान से बिगड़े रिश्ते | India-Bangladesh Trade Dispute 2025
बांग्लादेश अब भारत की ज़मीन से होकर नहीं कर पाएगा व्यापार, चीन से नजदीकियों की भारी कीमत चुकानी पड़ी
नई दिल्ली | 10 अप्रैल 2025
भारत-बांग्लादेश संबंधों में नया तनाव सामने आया है। भारत सरकार ने बांग्लादेश को दी गई ट्रांसशिपमेंट सुविधा को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया है। यह निर्णय बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के चीन में दिए गए बयान के बाद लिया गया, जिसमें उन्होंने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को लेकर विवादित टिप्पणी की थी और चीन से समुद्री व्यापार बढ़ाने की अपील की थी।
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बांग्लादेश भारत व्यापार विवाद: क्या थी ट्रांसशिपमेंट सुविधा और इसका महत्व?
भारत ने वर्ष 2020 में बांग्लादेश को यह विशेष सुविधा प्रदान की थी, जिसके अंतर्गत वह नेपाल, भूटान और म्यांमार को भारत की भूमि के रास्ते से अपने सामान का निर्यात कर सकता था। इससे बांग्लादेश को व्यापारिक दृष्टिकोण से बड़ा लाभ मिल रहा था। लेकिन अब यह रास्ता पूरी तरह बंद कर दिया गया है।
मोहम्मद यूनुस के विवादित बयान ने बिगाड़ा माहौल
हाल ही में चीन यात्रा के दौरान मोहम्मद यूनुस ने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को ‘लैंडलॉक्ड’ बताते हुए चीन से समुद्री व्यापार में सहयोग की अपील की थी। साथ ही उन्होंने ‘चिकन नेक’ इलाके में चीन को एयरफील्ड बनाने के लिए आमंत्रण भी दिया था। इस बयान को भारत की क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना गया और देशभर में इसकी कड़ी आलोचना हुई।
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बांग्लादेश भारत व्यापार विवाद: रणधीर जायसवाल का बयान – “हमारे पोर्ट्स पर दबाव बढ़ रहा था”
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा,
“बांग्लादेश को दी गई ट्रांसशिपमेंट सुविधा के चलते हमारे बंदरगाहों और एयरपोर्ट्स पर भीड़ बढ़ रही थी। इससे हमारे खुद के निर्यात को नुकसान हो रहा था। लॉजिस्टिक्स में देरी और उच्च लागत की वजह से यह निर्णय आवश्यक हो गया।”
भारत के सख्त कदम से बांग्लादेशी व्यापार पर प्रभाव
इस फैसले से बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर सीधा असर पड़ने की आशंका है।
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नेपाल और भूटान जैसे लैंडलॉक्ड देशों तक सामान पहुंचाने में उसे अब वैकल्पिक रास्तों की तलाश करनी होगी।
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इससे उसकी एक्सपोर्ट कॉस्ट बढ़ेगी और ट्रेड टाइम में भी देरी होगी।
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व्यापारिक जगत में चिंता की लहर है कि इससे बांग्लादेश की क्षेत्रीय पकड़ कमजोर हो सकती है।

क्या बांग्लादेश ने भारत को नाराज़ किया?
विशेषज्ञों का मानना है कि मोहम्मद यूनुस द्वारा चीन के पक्ष में की गई टिप्पणी और भारत के रणनीतिक क्षेत्रों का जिक्र कर उसे दरकिनार करने की कोशिश ने भारत को यह सख्त कदम उठाने के लिए मजबूर किया।
बांग्लादेश भारत व्यापार विवाद: निष्कर्ष
भारत और बांग्लादेश के बीच रिश्तों में आई यह दरार न सिर्फ दोनों देशों की कूटनीति के लिए एक चुनौती है, बल्कि इसका व्यापक प्रभाव दक्षिण एशिया के व्यापारिक समीकरणों पर भी पड़ सकता है। अब सबकी निगाहें इस पर हैं कि क्या बांग्लादेश अपने रुख में बदलाव करता है या फिर वह चीन की ओर और अधिक झुकता है।