Saturday, March 22, 2025
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राहुल गाँधी के बयान पर दर्ज FIR को लेकर ओडिशा में सियासत गरमाई

कॉन्ग्रेस ने उठाए FIR पर सवाल ओडिशा में राहुल गाँधी के विवादित बयान को लेकर दर्ज FIR पर कॉन्ग्रेस ने सवाल उठाए हैं। पार्टी ने दावा किया है कि राहुल गाँधी के खिलाफ FIR दर्ज करने से पहले अनुमति लेना आवश्यक था। कॉन्ग्रेस नेताओं का कहना है कि बिना अनुमति FIR दर्ज करना कानून के विरुद्ध है।

पुलिस ने दी सफाई, कहा – पूरा अधिकार है वहीं, पुलिस प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि उनके पास राहुल गाँधी के खिलाफ FIR दर्ज करने और मामले की जाँच करने का पूरा अधिकार है। ओडिशा के झारसुगुडा जिले में हिन्दू संगठनों की शिकायत के आधार पर यह FIR दर्ज की गई है। मामला राहुल गाँधी के उस बयान से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने ‘इंडियन स्टेट से लड़ने’ की बात कही थी।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में कॉन्ग्रेस ने पुलिस कार्रवाई पर उठाए सवाल ओडिशा कॉन्ग्रेस ने इस FIR के विरोध में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कॉन्ग्रेस नेता सुदर्शन दास ने सवाल किया कि क्या राहुल गाँधी का मामला झारसुगुडा के अधिकार क्षेत्र में आता है। उन्होंने यह भी पूछा कि FIR दर्ज करने से पहले क्या पुलिस ने उच्चाधिकारियों से अनुमति ली थी।

DGP से मिलने की तैयारी में कॉन्ग्रेस कॉन्ग्रेस नेताओं ने इस मामले को लेकर ओडिशा के पुलिस महानिदेशक (DGP) से मिलने का निर्णय लिया है। कॉन्ग्रेस नेता सिबानंद रे ने आरोप लगाया कि यह FIR राज्य की भाजपा सरकार को खुश करने के लिए दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि किसी सरकारी पद पर बैठे व्यक्ति के खिलाफ जाँच शुरू करने से पहले कानूनन अनुमति लेना आवश्यक है।

IG संबलपुर ने दी कानूनी स्थिति की जानकारी FIR दर्ज करने के आदेश देने वाले संबलपुर रेंज के IG हिमांशु लाल ने कॉन्ग्रेस नेताओं को कानून की जानकारी दी। IG लाल ने कहा, “आमतौर पर अपराध वहीं दर्ज होता है, जहाँ वह घटित होता है। लेकिन, यदि किसी बयान का प्रकाशन या प्रसारण किसी अन्य राज्य में हुआ है, तो उस स्थान की पुलिस को भी कार्रवाई का अधिकार है।”

शिकायतकर्ता की भावना आहत होने पर FIR दर्ज IG हिमांशु लाल ने कहा कि राहुल गाँधी के बयान से शिकायतकर्ता की भावना आहत हुई है, इसलिए FIR दर्ज की गई। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकारी पद पर बैठे व्यक्ति के खिलाफ FIR दर्ज करने को लेकर जो नियम हैं, उन्हें लेकर भी कॉन्ग्रेस को कोई गलतफहमी नहीं पालनी चाहिए।

CRPC की धारा 197 पर दी सफाई IG लाल ने बताया कि CRPC की धारा 197 के तहत लोकसेवक के खिलाफ अपराध की जाँच के लिए अनुमति लेना आवश्यक नहीं है। अनुमति केवल मुकदमा चलाने के लिए ली जाती है और वह भी तब, जब वह लोकसेवक अपने सरकारी कार्यों के दौरान किसी अपराध का दोषी पाया जाता है। उन्होंने कहा कि राहुल गाँधी के मामले में यह प्रावधान लागू नहीं होता है।

7 फरवरी को दर्ज हुई थी FIR गौरतलब है कि 7 फरवरी, 2025 को ओडिशा के झारसुगुडा जिले में राहुल गाँधी के खिलाफ हिन्दू संगठनों की शिकायत के बाद FIR दर्ज की गई थी। शिकायत की जाँच के बाद IG हिमांशु लाल ने FIR दर्ज करने के आदेश दिए थे।

कॉन्ग्रेस की दोहरी नीति पर सवाल ओडिशा में अधिकार क्षेत्र को लेकर सवाल उठाने वाली कॉन्ग्रेस खुद कुछ महीने पहले कर्नाटक में FIR दर्ज कराकर उत्तर प्रदेश में एक राष्ट्रवादी पत्रकार पर कार्रवाई के लिए टीम भेज चुकी है। वह मामला भी राहुल गाँधी के खिलाफ किए गए एक ट्वीट से जुड़ा था। इससे कॉन्ग्रेस की नीति को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।

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